Monday, January 14, 2019

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 6 हफ्ते में जवाब मांगा

दस प्रमुख सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को निजी कम्प्यूटरों की जांच का अधिकार देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। वकील मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है।

सरकार का नोटिफिकेशन गैर संविधानिक: याचिकाकर्ता

गृह मंत्रालय ने 20 दिसंबर 2018 को नोटिफिकेशन जारी कर सीबीआई, आईबी और ईडी जैसी 10 एजेंसियों को कंप्यूटरों की जांच का अधिकार दिया था। इसमें कहा गया कि प्रमुख एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कम्प्यूटर से जेनरेट, ट्रांसमिट या रिसीव हुए और उसमें स्टोर किए गए किसी भी डेटा को देख सकेंगी। यह अधिकार आईटी एक्ट की धारा-69 के तहत दिया गया है। इस नोटिफिकेशन को याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने गैर-संविधानिक बताते हुए जनहित याचिका दायर की।

कांग्रेस ने बताया था निजता पर प्रहार

इस मामले में कांग्रेस ने कहा था कि अबकी बार मोदी सरकार ने निजता पर वार किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि देश को एक पुलिस राज्य में बदला जा रहा है। यह समस्या का हल नहीं है। एक अरब से ज्यादा भारतीयों के बीच साबित हो गया कि आप (नरेंद्र मोदी) एक असुरक्षा महसूस करने वाले तानाशाह हैं। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि कंप्यूटर डेटा की जांच के नियम यूपीए सरकार के समय साल 2009 में बने थे। अब सिर्फ संबंधित एजेंसियों को नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

क्या है आईटी एक्ट की धारा-69 ?
इसके मुताबिक अगर केंद्र सरकार को लगता है कि देश की सुरक्षा, अखंडता, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण रिश्त बनाए रखने या अपराध रोकने के लिए किसी डेटा की जांच की जरूरत है तो वह संबंधित एजेंसी को इसके निर्देश दे सकती है।

शाही स्नान : 15, 21 जनवरी, 4,10,19 फरवरी, 4 मार्च
इतिहास : प्रयाग कुंभ का लिखित इतिहास में जिक्र गुप्तकाल में (चौथी से छठी सदी) मिलता है। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने किताब में कुंभ का जिक्र किया। वह 617 से 647 ईसवीं तक भारत में रहे थे। लिखा है कि प्रयाग में राजा हर्षवर्धन ने अपना सब कुछ दान कर राजधानी लौट जाते हैं।

मेले के आयोजन में राज्य सरकार की 20 और केंद्र सरकार की 6 संस्थाएं और विभाग लगे हैं। मेला क्षेत्र में पीने के पानी के लिए 690 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। साथ ही 800 किमी लंबाई में बिजली की सप्लाई पहुंचाई गई है।

25 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। 7 हजार स्वच्छता कर्मी और 20 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। 4 पुलिस लाइन समेत 40 पुलिस थाना, 3 महिला थाना, 62 पुलिस पोस्ट बनाई गई हैं।

पहली बार कुंभ में 2 इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड एंड सेंटर बनाए गए हैं। यह मेला क्षेत्र में आने वाली भीड़ और ट्रैफिक को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाने का काम करेगा। एक सेंटर पर करीब 116 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है।

पहली बार में ऑर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल हो रहा है, यह भीड़ का मैनेजमेंट करेगी। श्रद्धालुओं के लिए वर्चुअल रियलिटी(वीआर) सेवा उपलब्ध कराने के लिए 10 स्टाॅल बनाए गए हैं। 

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