देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI में चल रही जंग अब सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जा रही है. छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर जब सोमवार को सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई तो माहौल पूरी तरह से गर्मा गया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस मामले से जुड़ी बातें मीडिया में लीक होने के कारण काफी नाराज दिखे और गुस्से में उन्होंने सुनवाई ही टाल दी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या हुआ और चीफ जस्टिस क्यों इतने नाराज हुए यहां समझिए...
सुप्रीम कोर्ट में आज आलोक वर्मा के जवाब पर सुनवाई होनी थी. ये सुनवाई 10.30 बजे शुरू हुई, जैसे ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कोर्ट में पहुंचे तो उन्होंने किसी और मामले की सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि वह आज कोई अन्य याचिका नहीं सुनेंगे, सिर्फ सीबीआई केस पर ही बात करेंगे.
इसी के साथ ही चीफ जस्टिस ने आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन को कुछ दस्तावेज दिए और कहा कि वह इन्हें ध्यान से देखें. CJI ने इसी के साथ ये भी कहा कि ये दस्तावेज आपको इसलिए नहीं दिए जा रहे हैं कि आप आलोक वर्मा के वकील हैं, बल्कि इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि आप देश के वरिष्ठ वकील हैं.
चीफ जस्टिस ने मीडिया में चल रही खबरों पर नाराजगी जताई और कहा कि जब दस्तावेज बंद लिफाफे में दिए गए थे, तो फिर मीडिया में लीक कैसे हो गया.
सीजेआई के इस रुख पर वरिष्ठ वकील नरीमन ने कहा कि उन्हें ये नहीं पता कि मीडिया में ये बातें कैसे चली गईं, बल्कि कल जो जवाब तलब करने के समय में बदलाव किया गया था वो खबर भी उन्हें मीडिया से ही मिली थीं. नरीमन ने कोर्ट में कहा कि मीडिया स्वतंत्र है इसलिए उसपर हम टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.
चीफ जस्टिस ने इस पर कहा, ''खबरें लीक होने की बात से वह काफी दुखी हैं, ऐसा होना बिल्कुल गलत है. स्वतंत्र मीडिया और जिम्मेदार मीडिया दोनों ही बातें साथ में होनी चाहिए.''
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, '' मुझे नहीं लगता है कि अभी आप लोग इस सुनवाई के लिए तैयार हैं, इसलिए मामले को 29 नवंबर तक के लिए टाला जा रहा है.''
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